आर्य समाज का शुध्दिकरण आंदोलन और मेघ:
आर्य समाज का शुध्दिकरण आंदोलन और मेघ: यह सभी जानते है कि आर्य समाज की स्थापना दयानंद सरस्वती ने की थी। यह विशुद्ध रूप से हिन्दू धर्म का एक सुधारवादी आंदोलन के रूप में सारे भारत में जाना गया और इसका प्रभाव भी पड़ा। यह मात्र प्रचारक रूप ही नहीं बल्कि सामाजिक रूढ़ी वादिता पर प्रहार भी था। कुलमिलाकर इसे एक राष्ट्रवादी नजरिये से देखा गया और जो हिन्दू वर्ण व्यवस्था में नहीं थे या जो उसे नापसंद करते थे या जिन्हें दूसरे धर्म और पंथ पसंद थे, ऐसे अनेकानेक लोगों को घेरकर वापस हिन्दू धर्म की वर्ण व्यवस्था में उन्हें स्तर प्रदान करने की गवेषणा से लवरेज यह एक जातीय या राष्ट्रवादी आंदोलन था। इसका मंतव्य बढ़ते हुए ईसाई धर्म और मुस्लमान धर्म को रोकना भी था। इसका प्रभाव भी पड़ा, इसे नकारा नहीं जा सकता। दयानंद सरस्वती के बाद सबसे ज्यादा प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में श्रद्धानद जी उभरे थे। श्रद्धानंद जी के और बाबा साहेब डॉ आंबेडकर के बीच कई बार विचारों का आदान प्रदान हुआ। हिन्दू कोड बिल के समय जब बाबा साहेब ने सभी से विचार विमर्श किया तो उनमें श्रद्धानंद जी प्रमुख थे, जिन्होंने बाबा साहेब के मंतव्य ...