[रात १०:११ बजे, ११/६/२०१६] Tararam Goutam: [6/8, 8:24 PM] Tararam: आप सब धन्य है कि जिस दीन-हीन समाज में आप पैदा हुए उसे प्रगति के पथ पर लाने का और प्रगति का फायदा पंहुचाने का आपने बीड़ा उठाया है। जो समाज सदियों से दबा कुचला था, शिक्षा से वंचित था, नागरिक अधिकारों से वंचित था। उस में आप शिक्षा की ज्योति जला रहे हो, एक गरिमामय जीवन जीने की कला सिखा रहे हो- यह अपने आप में ऐतिहासिक है। विगत शताब्दियों में हमारे पुरखों या बड़ेरों का जीवन नर्क के जीवन से कम नहीं था, जिसे हमारे पुरखों ने भोगा। वह जीवन कहने को जीवन था अन्यथा गुलामों के समतुल्य हमारा जीवन था। इस से उभार कर एक नया जीवन देने वाले हमारे परम पूज्य प्रातः स्मरणीय बाबा साहेब पर हम बार बार न्यौच्छावर होते है। उन्होंने जो कारगर उपाय बताये है वे ही हमारी समस्या का माकूल और वास्तविक समाधान है। हमें उन पर मनन करना चाहिए। उनके बताये मार्ग का अनुशरण करना चाहिए। इस संस्थान के पिछले आयोजन से लेकर इस आयोजन तक मेघ समाज में काफी कुछ चलवल और हलचल हुई है- हर क्षेत्र में यह समाज उठ खड़ा हुआ है और अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा की प्राप्ति हेतु प्रतिबद्...
Roshanprince3295@gmail.com
जवाब देंहटाएंYes ofcourse
जवाब देंहटाएंRoshan bhagat from jammu
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