मेघों का विस्थापन..सिंध प्रदेश से अन्य प्रदेशों की ओर..
मेघों का विस्थापन..सिंध प्रदेश से अन्य प्रदेशों की ओर...1 इस शीर्षक में मेघों के आवर्जन-प्रवर्जन पर टिप्पणीयां की गयी है। सिंध के विभिन्न इलाकों से 18 वीं से 20 वीं शताब्दी के बीच किन परिस्थितियों में उनको मुल्क छोड़ना पड़ा, इस पर विचार किया गया है। यह सिंध के इतिहास पुस्तकों में वर्णित घाटनाओं के सन्दर्भ में है, व सिलसिलेवार नहीं है... इस में बहुत कुछ आगे-पीछे है, अतः सभी टिप्पणियाँ पढ़े, जो इस शीर्षक के तहत दी गयी है या दी जा रही है! लाहौर--- मेघों का इतिहास सिकंदर के आक्रमण से ज्ञात होता है। उस समय सिंध के कई सूबों में इनका राज्य था। जनरल अलेक्जन्डर की ASI की रिपोर्ट में उसका उल्लेख है। लाहौर में भी मेघों की बस्तीयां थी। उनका वहाँ से कई बार विस्थापन भी होता रहा है। उन सब पर यहाँ विचार नहीं किया जाना है. अठारहवीं शदि के बाद के समय में लाहौर से हुए विस्थापन की परिस्थितियों को पहले लेते है। सिकंदर के इतिहासकारों ने लाहौर का जिक्र नहीं किया है। अस्तू, उस समय या तो यह महत्वपूर्ण ग्राम नहीं था या उस समय बसा नहीं था। लेकिन ह्वेनसांग ने इसका संकेत/ वर्णन किया है, कुछ लोग उसे नहीं म...