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Poona Pact and after - पूना पैक्ट और उसके बाद

Poona Pact and after - पूना पैक्ट और उसके बाद बाबा साहेब डॉ आंबेडकर ने बिना राज्य और सरकार के समर्थन के आम भारतीय के जीवन में आमूल-चूल परिवर्तन कर दिया- यह उनकी महानता है। अद्वितीय प्रतिभा के धनी भारत रत्न डॉ. आंबेडकर में नेतृत्व और संगठन की अद्भुत शक्ति थी। वे अपने सामाजिक और राजनीतिक जीवन में वे लोगों को संगठित करने और भेद-भाव व संकीर्णता समाप्त करने का सतत अलख जगाते रहे। उन्होंने हर जाति और धर्म के लोगों को एक 'लोकतंत्रात्मक समाज' निर्माण के लिए प्रतिबद्ध रखने की कोशिश की। उन्होंने बिखरे हुए, हाशिये पर पड़े लोगों में क्रांति की मशाल लेकर आगे बढ़ने का साहस पैदा किया। इतिहास-निर्माण में उनका अपूर्व योगदान रहा है। जो लोग इतिहास को भूल जाते हैं, इतिहास उनको भूल जाता है। अतः हमें इसका सतत अवगाहन करते रहना चाहिए। भारत के संवैधानिक विकास की इतिहास-गाथा से हमें पता चलता है कि बीसवीं शताब्दी के प्रारंम्भ से ही डॉ. आंबेडकर नए भारत का इतिहास बना रहे थे, जिसका मूलमंत्र समानता, स्वतंत्रता और भाईचारा था। ब्रिटिश सरकार ने 1919 के कानून की समीक्षा एवं संशोधन हेतु 1928 में एक आयोग का गठन...

सर छोटूराम के बारे मे एक हरिजन विद्वान के उद्गार

सर छोटूराम के बारे मे एक हरिजन विद्वान के उद्गार सर छोटूराम के बारे मे एक हरिजन विद्वान के उद्गार( श्री सोहनलाल शास्त्री , विधावाचस्पति , बी.ए., रिसर्च आफिसर ,राजभाषा (विधायी) आयोग , विधि मंत्रालय भारत सरकार ) स्वर्गीय चौधरी छोटूराम जी मेरी दृष्टि मे कर्मवीर योद्धा के साथ साथ महापुरुष भी थे | महापुरुष के लक्षण हैं जिस मे दीन, दुःखी , दरिद्र और अन्याय पीड़ित जनसमुदाय के लिए पूर्ण सहानुभूति हो | वीर तो डाकू भी हो सकता हैं और कर्मवीर उसे कहा जाता हैं जिसका जीवन केवल कथनी पर निर्भर न हो , करनी पर आधारित हो | एक कर्मवीर योद्धा यदि अपने परिश्रम से कोई सिद्धि या निधि प्राप्त कर ले किन्तु उस फल का उपभोग स्वयं ही करे या केवल अपने बंधुओ तथा सगे सम्बन्धियो को उसके उपभोग का पात्र ठहराए तो वह महापुरुष नहीं कहला सकता | चौधरी साहब का ह्रदय गरीब लोगो के लिए सदैव आर्द्र रहा | मैं व्यक्तिगतरूप से उनके संपर्क मे आता रहा हूँ | पंजाब के हरिजनों के बारे मे मेरा उनसे विचार-विनिमय होता रहा हैं | पत्र-व्यवहार मे मैंने एक बार उन्हे लिखा था कि चौधरी साहब आप की दृष्टि मे तो बेचारा किसान ही समाया हुआ हैं , किन्...