आंबेडकरवादी हैं हम समाज को जगाते रहेंगे.
ये जिन्दगी का मंत्र है सिखाते रहेंगे.
अज्ञान के अंधेरों में लिपटी हुई हमारी समाज
हम ज्ञान के सूरज को जगमगाते रहेंगे.
अंकुर नई उम्मीद के हमने उगाये हैं.
आँखों में उनके सपनो को सजाते रहेंगे.
आंबेडकरवादी हैं हम समाज को जगाते रहेंगे...
जब स्वार्थ, अत्याचार और अन्याय पला था
तब बन चुनौती योद्धा भीम जी ही लड़ा था.
जब समाज ने अशिक्षा की जंग लड़ी थी.
ज्योतिबा सावित्रीमाता ने शिक्षा की नींव रखी थी...
हम ही नई पीढी के नव निर्माण की सुबह
सोये हुए सपनों को हम जगा के रहेंगे
आंबेडकरवादी हैं हम समाज को जगाते रहेंगे
हमने किया इतिहास गौरव को आगे बढाने का सिल-सिला
अब वर्तमान को उस ऊंचाईयों पर लाके रहेंगे.
बुझने न देंगे ज्ञान का अविराम यह दिपक
हम आँधियों के गर्व को हिला के रहेंगे.
आंबेडकरवादी हैं हम समाज को जगाते रहेंगगें राज बोस
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