राजा का वरण : मेघ और गड़रिये, गाड़ी' लोगो की दुश्मनी का अंत-

राजा का वरण : मेघ और गडरिये ‘गाड़ी’ लोगों की दुश्मनी का अंत- जम्मू प्रदेश में, जहाँ वर्तमान में भो (bhow) का किला अवस्थित है, यहाँ किसी ज़माने में घना निर्जन जंगल हुआ करता था। पुराने समय में गिनती के कुछ मेघ और टक्कर (टका) परिवार यहाँ आ बसे थे ( ये यहाँ कब आकर रहने लगे, इसकी कोई निश्चित तिथि नहीं मिलती है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि ये ही यहाँ के प्राचीन मूल आदि-निवासी है)। उन्होंने इस प्रदेश को आबाद किया, परन्तु उनकी आबादी कोई ज्यादा नहीं थी। यहाँ का पूरा पर्वतीय इलाका बीहड़ वन-प्रदेश था। मेघों ने सबसे पहले वहां बसकर उन पर्वतीय वन-प्रदेश में उपजाऊ भूमि पर खेती-बाड़ी करना शुरू किया और अपना जीवन-यापन करने लगे। दूर-दूर तक कोई मानव-बस्ती नहीं थी। उन प्रदेशों में अपने पशुओं के चारे-पानी की खोज में अपने परिवार के साथ इधर-उधर घुमने वाले और घुमक्कड़ी -जीवन बिताने वाले गडरिये मेघों के खेतों में आ जाते थे और समय-समय पर उनका बहुत नुकसान करते थे। ये गडरिये इन मेघों की बस्ती से पूर्वी उत्तरी भागों में दूर डेरा डाल कर रहते थे, जो चंबा और किश्तवाड़ क...